नई दिल्ली। यात्री की शिकायत के बाद भी शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन का खराब एसी को ठीक नहीं करना रेलवे को भारी पड़ गया। इस मामले में दिल्ली उपभोक्ता आयोग ने रेलवे पर बीस हजार रूपए का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही शिकायतकर्ता का 10 हजार रुपये का खर्च भी देने के लिए कहा गया है। आयोग के सदस्य राजन शर्मा और बिमला कुमार की पीठ ने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण 1986 की धारा 3 और सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसलों से साफ है कि उपभोक्ता फोरम के पास रेलवे के खिलाफ उपभोक्ताओं की शिकायत पर सुनवाई का अधिकार है। वहीं, आयोग ने उत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक की तरफ से उत्तरी जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा रेलवे पर जुर्माना लगाने के खिलाफ दाखिल अपील को भी रद्द कर दिया है। पीठ ने रेलवे के उसे दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि यात्रा के दौरान किसी भी असुविधा की शिकायत पर उपभोक्ता फोरम को सुनवाई का अधिकार नहीं है। रेलवे ने यह भी कहा था कि यात्री को रेलवे दावा न्यायाधिकरण में शिकायत करनी चाहिए।