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FIFA WC 1966! जब चोरी हो गई थी फुटबॉल विश्वकप ट्रॉफी, फिर कैसे एक कुत्ता बना इंग्लैंड का मसीहा, जानिए FIFA WC से जुड़ी ये रोचक कहानी, और विश्वकप की मेजबानी करने वाले देश का मसीहा बनने वाले इस कुत्ते के बारे में सब कुछ, लिंक में

दुनिया में हर दिन कुछ न कुछ घटनाएं ऐसी घटित होती हैं जो इतिहास की रोचक कहानियों में जुड़ जाती हैं, ऐसी ही एक रोचक कहानी फीफा विश्व कप के इतिहास से भी जुड़ी है। जिसने रातों रात एक छोटे से कुत्ते को स्टार बना दिया। साथ ही इंग्लैंड की इज्जत निलाम होने और विश्व कप के आयोजन को रद्द होने से भी बचा लिया था।
दरअसल हुआ ये, साल 1966 में फीफा विश्व कप की मेजबानी ब्रिटेन कर रहा था । फुटबॉल के इस आयोजन को सफल बनाने के लिए ब्रिटिश सरकार भरसक प्रयास कर रही थी । विश्व कप की चमचमाती ‘ ज्यूल्स रिमेट ‘ ट्रॉफी को अपने नाम करने के लिए तमाम बड़ी टीमें दम भर रही थीं।आम लोगों को एक झलक दिखाने के लिए सेंट्रल लंदन के वेस्टमिंस्टर हॉल में ट्रॉफी को रखा गया था । लेकिन तभी 20 मार्च , 1966 को अचानक ट्रॉफी हॉल से चोरी हो गई

जब वेस्टमिनिंस्टर हॉल से चोरी हो गई थी विश्व कप ट्रॉफी

फुटबॉल विश्व कप शुरू होने में कुछ समय बाकी था, लेकिन तभी अचानक आम लोगों के सामने प्रदर्शन के लिए रखी गई ट्रॉफी 20 मार्च, 1966 को चोरी हो गई। यह खबर इंग्लैंड सहित पूरी दुनिया में जंगल में आग की तरह फैल गई। सब सोच में पड़ गए की आखिर इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच फीफा विश्व कप की ट्रॉफी चोरी कैसे हो गई और इसे चोरी करने का दुस्साहस करने वाला कौन हैं?

जब फुटबॉल एसोसिएशन के चेयरमैन को मिली अज्ञात चिठ्ठी
ट्रॉफी की खोजबीन में जुटी स्कॉटलैंड पुलिस दिन – रात एक कर रही थी । चश्मदीदों , गवाहों और अपने अनुमान के आधार पर पुलिस को कुछ लीड भी मिली , लेकिन पुलिस को सफलता हाथ नहीं लग रही थी, की तभी इस बीच फुटबॉल एसोसिएशन के चेयरमैन को एक अज्ञात चिट्ठी मिली, इस चिट्ठी में 15 हजार यूरो की मांग की गई थी। चिट्ठी मिलते ही पुलिस खोजबीन में जुट गई और किसी तरह उस चिट्ठी लिखने वाले को पकड़ लिया ,लेकिन उसके पकड़े जाने के बाद भी पुलिस को ट्रॉफी का कुछ पता नहीं चल पाया। जिसमें पुलिस और आयोजकों दोनों की ही मुश्किलें बढ़ा दी थी।

ऐसे मिली थी फीफा विश्वकप की खोई हुई ट्रॉफी

जब 27 मार्च को दक्षिणी लंदन में रहने वाला डेविड कॉर्बेट अपने घर से बाहर सैर पर निकला। साथ में वह अपने कुत्ते पिकल्स को भी ले गया । डेविड ने देखा कि पिकल्स उसके पड़ोसी की कार के आसपास चक्कर लगा रहा है । जिसके बाद उसने कार के नजदीक जाकर देखा तो अंदर उसने अखबार में लिपटा हुआ और कसकर बांधा हुआ एक पैकेट देखा । अखबार फाड़कर देखा तो वह ट्रॉफी थी । उसके बाद डेविड पास के ही पुलिस स्टेशन में गया और ट्रॉफी दिखाई, लेकिन स्कॉटलैंड यार्ड ने डेविड कॉर्बेट से लंबी पूछताछ की, क्योंकि पुलिस को शक था कि डेविड कॉर्बेट ने ही ट्रॉफी चुराई थी, लेकिन थोड़ी देर बाद उन्होंने डेविड को छोड़ दिया।
आखिरकार इस तरह एक कुत्ते की वजह से 1966 में फीफा विश्वकप की चोरी हुई ट्रॉफी मिल गई।

रातों रात ही दुनियाभर में स्टार बन गया था ‘पिकल्स

जब ट्रॉफी मिलने के बाद डेविड पुलिस के पास गए और उन्होंने वहां जाकर वर्ल्ड कप की ट्रॉफी दिखाई। तो पुलिस ने उनपर शक किया और लंबी पूछताछ भी की, लेकिन थोड़ी देर बाद ही पुलिस ने डेविड को छोड़ दिया। जिसके बाद जब वह अपने घर पहुंचे तो वहां मीडिया उनका इंतजार कर रही थी। जिसके बाद ही डेविड कॉर्बेट और उनका कुत्ता ‘पिकल्स’ रातों रात इंटरनेशनल स्टार बन गए।

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