गुरुवार को जम्मू कश्मीर के सोपियां जिले के पतितुहलान में टिहरी जिले के घनसाली के नैलचामी पुण्डोली निवासी 32 वर्षीय प्रवीन गुसाईं 26 मई की रात्रि पैट्रोलियम के दौरान अपने अन्य साथियों के साथ आईईडी के धमाके की चपेट में आ गए थे। जिसमें 6 से सात जवान घायल हो गए सभी को श्रीनगर उपचार के लिए ले जाया गया। उपचार के दौरान प्रवीन गुसाईं शहीद हो गए बता दे कि शहीद प्रवीन पिछले 23 मई को एक माह की छुट्टी पूरी कर ही अपनी ड्यूटी पर लोटे थे और 26 मई को अपनी ड्यूटी पर तैनात हुए थे । एक सप्ताह के अंतराल घर पर सहादत की खबर आ गयी।
शहीद प्रवीन गुसाईं 2012 में आर्मी के 15वी लाइन में भर्ती हुए थे, प्रवीन गुसाईं का परिवार अपने भाई के साथ देहरादून के बंजारा वाला में रहता था। प्रवीन अपने पीछे अपनी पत्नी और 6 साल के बेटे व पत्नी को छोड़ गए। रिटायर हवलदार प्रताप सिंह गुसाईं ने नम आंखों से दी अपने बेटे को मुखाग्नि दरअसल प्रताप सिंह गुसाईं का बड़ा बेटा जापान के एक होटल में कार्यरत है जो समय पर नही पहुँच पाया। जिसके बाद रिटायर पिता ने ही अपने छोटे बेटे को मुखाग्नि दी है पिता ने कहा कि जिस तरह पुराणों में लिखा गया है कि जो रक्त बीज होते हैं। वन राक्षसों को दुर्गा ने मारा है उसी तरह इन राक्षसों को मारने के लिए नई नीति बनानी पड़ेगी।
हमारी मेन सिक्युरिटी एलआईयू होती है जिससे लड़ाई जीती जाती है हमारी एलआईयू अगर ठीक काम करेगी तो सही सूचना मिलेगी तो इन घटनाओं को रोका जा सकता है। पीएम मोदी इसे दुरस्त कर रहे हैं मगर अभी तक पूरी नही हो पाई है।
शहीद की आखरी विदाई देने के लिए उनके पैतृक गांव पुण्डोली में श्रद्धांजलि देने के लिए जन समूह उमड़ पर शहीद के घर पर हजारों की संख्या में लोग श्रधांजलि देने पहुँचे शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुँचने के बाद पत्नी पार्थिव शरीर ले लिपट पड़ी। परिवार के साथ अंतिम विदाई देने आई भीड़ की आँखे भी नम थी।