पड़ोसी देश नेपाल के साथ ही उत्तराखंड में भी भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप की तीव्रता 6.4 मैग्नीट्यूड रही। वहीं उत्तराखंड में भूकंप से जान माल की कोई हानि की खबर सामने नहीं आई है।
जहां एक ओर नेपाल में विनाशकारी भूकंप से कई लोगों की मौत हो गई और कई लोगों के घायल होने की सूचना सामने आ रही है। वहीं उत्तराखंड के कई जिलों में धरती डोली। बीती रात 11.34 मिनट में उधम सिंह नगर में भूकंप के झटके महसूस किया गया। देहरादून काशीपुर, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटकों से लोग दहशत में आ गए। लोग आधी रात घरों से बाहर निकल आए और सुरक्षित स्थानों पर चले गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप की तीव्रता 6.4 मैग्नीट्यूड रही। बताते चलें कि भू वैज्ञानिकों ने उत्तराखंड को पहले भी भूकंप के दृष्टिकोण से अति संवेदनशील माना है। भू वैज्ञानिकों समय-समय पर लोगों को आगाह भी करते रहे हैं। वहीं पूर्व में उत्तरकाशी, चमोली में आए भूकंप की विनाश लीला को लोग आज तक भूल नहीं पाए हैं और याद करके सिहर उठते हैं. जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी। 18 अगस्त 1998 में मालपा गांव में चट्टान दरकने से 225 लोगों की मलबे में दबने से मौत हो गई थी। इस हादसे ने गांव का नामोनिशान मिटा कर रख दिया था। इस हादसे में 55 लोग मानसरोवर यात्री थे। साल 1999 में चमोली में 6.8 रिक्टर स्केल के भूकंप ने हिला कर रख दिया था। भूकंप की त्रासदी में करीब सौ लोगों की जान चली गई थी। साथ ही बड़े पैमाने पर जनहानि के साथ लोगों के घर तबाह हो गए थे। उत्तरकाशी में वर्ष 1991 में आए 6.6 रिक्टर स्केल के भूकंप ने बड़ी तबाही मचाई थी। भूकंप त्रासदी में 768 लोगों की मौत हुई थी और घटना में 5 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे।