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देहरादून – CIMS & UIHMT ग्रुप ऑफ कॉलेज की सराहनीय पहल, आर्थिक रूप से कमजोर 300 विद्यार्थियों को प्रदान करेगा निःशुल्क उच्च शिक्षा

देहरादून स्थित CIMS & UIHMT ग्रुप ऑफ कॉलेज ने बड़ी पहल करते हुए उत्तराखंड के आर्थिक रूप से कमजोर 300 छात्र छात्राओं को निःशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान करने का फ़ैसला लिया है। बता दें की CIMS & UIHMT ग्रुप ऑफ कॉलेज न सिर्फ़ उच्च शिक्षा बल्कि सामाजिक सरोकारों में भी अग्रणी भूमिका निभाता रहा है। ग्रुप के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी सजग इंडिया के माध्यम से बीते 15 सालों से नशे के खिलाफ जन जागरूकता अभियान चला रहे हैं। वर्तमान में भी संस्थान द्वारा कोरोना काल में अनाथ हुए 100 बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है। अपनी इस पहल को आगे बढ़ाते हुए अब उन्होंने बड़ा फैसला लेते हुए उत्तराखंड के आर्थिक रूप से कमजोर 300 छात्र-छात्राओं को निःशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है।
इस संबंध में रविवार को पत्रकार वार्ता करते हुए CIMS & UIHMT ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने कहा की हमारे प्रदेश में यह देखा गया है कि कई छात्र-छात्राओं की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण दसवीं/बारहवीं के बाद वह उच्च शिक्षा से वंचित हो जाते हैं और कई गलत रास्तों में भटक जाते हैं और कई युवा नशे के जंजाल में फंस जाते हैं। जिसको देखते हुए CIMS & UIHMT Group of Colleges द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि हम अपने निजी शिक्षण संस्थान में 300 छात्र-छात्राओं को प्रतिवर्ष निःशुल्क शिक्षा प्रदान करेंगे, ताकि वह आगे बढ़कर अपने परिवार के भरण-पोषण के साथ-साथ प्रदेश एवं देश के काम आ सकें एवं व्यसनमुक्त समाज के निर्माण में भागीदार बन सकें। उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर 300 छात्र-छात्राओं को निःशुल्क उच्च शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा प्रदान करके उनको शत-प्रतिशत जॉब में लाने का प्रयास किया जाएगा। प्रवेश लेने की अंतिम तिथि 30 नवम्बर, 2022 तक रखी गई है, जिसमें पहले आओ, पहले पाओ के माध्यम से सीटें आवंटित की जाएगी।
CIMS &UIHMT ग्रुप की इस पहल को राज्य के कई व्यक्तियों का भी सहयोग मिला है। इस दौरान राज्य आंदोलनकारी व जनकवि अतुल शर्मा ने अपना आशीर्वाद देते हुए संस्थान की इस मुहिम को सराहा। उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना दिवस से पहले यह राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं के लिए बहुत बड़ा तोहफ़ा है। वहीं बॉलीवुड कलाकार हेमंत पांडे ने भी संस्थान की इस पहल को सराहा, उन्होंने कहा कि वह संस्थान के इस प्रयास का प्रचार-प्रसार ब्रांड एंबेसेडर के तौर पर निःशुल्क रूप में करेंगे। प्रेस वार्ता को लोकगायिका पद्मश्री डॉ. माधुरी बर्थवाल, सीएमआई अस्पताल के चेयरमैन डॉ. महेश कुड़ियाल ने भी संबोधित किया। उन्होंने CIMS &UIHMT ग्रुप ऑफ कॉलेज के इस प्रयास को सराहते हुए अपना पूर्ण समर्थन देने का ऐलान किया।

कार्यक्रम में कुर्मांचल परिषद के अध्यक्ष कमल रजवार, गोरखाली सुधार सभा के अध्यक्ष पदम सिंह थापा, धात संस्था के महामंत्री तन्मय ममगाई, रिटायर्ड कर्नल ठाकुर सिंह, राज्य आंदोलनकारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती, बलूनी स्कूल के प्रबंध निदेशक विपिन बलूनी, राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान, प्रेस क्लब के अध्यक्ष जितेंद्र अन्थवाल महासचिव ओपी बिंजवाल, शिक्षाविद ड़ा0 शुशील राणा, बबिता शाह लोहनी, गिरीश सनवाल सहित अनेक सामाजिक लोग उपस्थित थे।

सत्र 2022-23 के लिए इन पाठ्यक्रमों में दिया जाएगा प्रवेश-
बीएससी मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी, बीएससी ऑप्टोमेट्री, बीएससी पैथोलॉजी , बैचलर इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, बीबीए, बीसीए, बीएससी आईटी, बीए ऑनर्स, मास कम्युनिकेशन, बीकॉम ऑनर्स, बीएचएम, डीएचएम, बीए, बीकॉम, बीएससी (पीसीएम/जेडबीसी), मास्टर इन पब्लिक हेल्थ, मास्टर इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, मास्टर इन हॉस्टल मैनेजमेंट , एमएससी बायोकेमिस्ट्री, एमएससी माइक्रोबायोलॉजी , एमएससी एमएलटी, पीजी डिप्लोमा – डिप्लोमा इन योगा साइंस, डिप्लोमा इन योगा, पीजी डिप्लोमा इन फिटनेस एंड स्पोर्टस मेनेजमेंट, पीजी डिप्लोमा इन बिजनेस अकाउंटिंग एंड टैक्सेशन, पीजी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन व पीजी डिप्लोमा इन वाटर सेनिटाइजेशन एंड हाइजीन।

इन छात्र-छात्राओं को मिलेगी पहली प्राथमिकता:
कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चे जो कि दसवीं या बारहवीं के बाद आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं या कारोनाकाल में उनके घर के कमाऊ व्यक्ति माता या पिता की मृत्यु हो चुकी है।
देश एवं प्रदेश के किसी भी फोर्स (आर्मी, पुलिस, अर्धसैनिक अथवा अन्य फोर्स) में शहीद हुए उत्तराखण्ड के जवान के बच्चे जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक ना हो।
उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियों के आश्रित बच्चे, जिनकी आर्थिक स्थित ठीक ना हो, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हों। वही उत्तराखण्ड के लोक-कलाकर एवं लोक संस्कृति एवं साहित्य को जीवित रखने के लिए जो कलाकार निःस्वार्थ भाव से लगे हैं, अगर उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो उनके ऐसे बच्चों को संस्थान द्वारा दसवीं/बारहवीं बाद निःशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान करके उनको रोजगार मुहैया कराया जाएगा।
साथ ही उत्तराखण्ड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के ऐसे बच्चे जिनकी आपदाओं के कारण आर्थिक स्थिति खराब हो, को भी उच्च शिक्षा एवं रोजगारपरक शिक्षा निःशुल्क प्रदान की जाएगी। वही देश का चौथा स्तम्भ कहे जाने वाले ऐसे मीडियाकर्मी जिनकी कोरोना महामारी के बाद प्रदेश के अनेक मीडिया साथियों (प्रिंट एवं इलैक्ट्रानिक मीडिया, सोशल मीडिया, स्वतंत्र पत्रकार एवं अन्य मीडिया के साथी) जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक ना हो, के परिवार के बच्चों को भी निःशुल्क उच्च शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा प्रदान की जाएगी।

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