लखनऊ। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को लखनऊ में प्रबोधन कार्यक्रम का उद्धघाटन किया। कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और विधायक इस अवसर पर उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम यूपी विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों के लिए आयोजित किया गया था। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि नारेबाजी और तख्तियां दिखाने से न तो सदस्यों को प्रतिष्ठा बढ़ती है और न ही सदन की गरिमा बढ़ती है। सदन के समय का सदुपयोग विधायकों की कार्यकुशलता और विधायिका में जनता की आस्था में भी वृद्धि करेगा।
उन्होंने कहा कि सदन में जितनी अच्छी चर्चा और संवाद होगा। विधानसभा की गरिमा और प्रतिष्ठा में उतनी ही वृद्धि होगी। विधान मंडलों की बैठकों में सदस्यों की उपस्थिति कम होना चिंता का विषय है। कानून जितना सरल और सहज बनेगा, उतना ही सहज और शीघ्र न्याय लोगों को मिलेगा।
E-Vidhan के संबंध में बात करते हुए उन्होंने कहा कि ‘एक देश-एक विधायी प्लेटफॉर्म’ अर्थात् E-Vidhan पूरे देश के विधानमंडलों को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जोड़कर लोकतांत्रिक इकाइयों को परस्पर जोड़ने का काम करेगा. जब तक सामाजिक लोकतंत्र नहीं आएगा, तब तक हम लोगों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन नहीं ला पाएंगे।
लोकसभा स्पीकर ने कहा, ” विधानसभाओं में सूचान प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग हो, इसके लिए विधायकों को ट्रेनिंग देने का काम होना चाहिए. उत्तर प्रदेश विधान सभा ने जनहित में अनेक महत्वपूर्ण कानून पारित किए हैं। जिनके दूरगामी परिणाम हुए हैं।
ऐसे में यह विधायकों की जिम्मेदारी है कि वे सदन के माध्यम से सरकार की जनता के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रश्नकाल का उपयोग करें.”।
उन्होंने कहा, ” हमारा लक्ष्य डिजिटल संसद से ई-संसद की ओर जाने का है. ताकि लोकतान्त्रिक संस्थाओं में अधिकतम पारदर्शिता आए और जनता संसद की कार्यवाही से और अधिक जुड़ सके। “