नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार इकबालपुर स्थित चीनी मिल द्वारा गन्ना किसानों का 2017-2018, 2018-2019 के करोड़ों रुपये के बकाये के भुगतान न करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान चीनी मिल की ओर से कोर्ट को अवगत कराया गया कि चीनी मिल द्वारा जिलाधिकारी के नेतृत्व में खोले गए खाते में 60 करोड़ रुपए जमा किए जा चुके है जिसमें से 50 प्रतिशत गन्ना किसानों और 50 प्रतिशत बैकों का लोन चुकाया जाएगा। कम्पनी की तरफ से कोर्ट से यह भी आग्रह किया गया कि नेशनल हाइवे ऑथिरिटी की तरफ जो जमीन अधिग्रहण का मुआवजा दिया जाना है उसका भुगतान भी उक्त खाते में जमा कर दिया जाए ताकि गन्ना किसानों का बकाया भुगतान किया जा सके। कोर्ट ने जिलाधिकारी हरिद्वार से भुगतान की गई धनराशि का ब्यौरा भी कोर्ट में पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 4 सप्ताह बाद की तिथि नियत की है।
मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी नितिन ने जनहित याचिका दायर कर कहा है हरिद्वार स्थित इकबालपुर चीनी मिल (धनश्री एग्रो) में गन्ना किसानों का 2017-18 में 108 करोड़ और 2018-19 का 109 करोड़ का भुगतान मिल पर बकाया है। याचिका कर्ता का यह भी कहना है सरकार के आदेश पर चीनी मिल को शॉफ्ट लोन के रूप 214 करोड़ रुपए विभन्न बैंको द्वारा लोन दिलाया गया जबकि जनता द्वारा जमा राशि को शॉफ्ट लोन के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकता है। याचिकर्ता का यह भी कहना है कि किसानों का गन्ने का भुगतान करने हेतु जब्त की गई चीनी की नीलामी की जाये। जिलाधिकारी हरिद्वार ने पूर्व में कोर्ट को बताया था कि इकबालपुर चीनी मिल प्रशासन को सहयोग नहीं कर रही है। इस मिल से करीब 19903 किसान प्रभावित हैं। कोर्ट के आदेश पर प्रशासन द्वारा खोले गए खातों में चीनी बेचे जाने के बाद करीब 28 करोड़ रुपये जमा हुए हैं, जबकि देनदारी 154 करोड़ की है। सरकार फिलहाल यह रकम किसानों को बांटने को तैयार है।