नई दिल्ली। राजस्थान से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां अलवर जिले की एक अदालत ने आज 2018 के रकबर खान लिंचिंग मामले में 4 लोगों को दोषी करार दिया है, जिन्हें 7 साल की सजा सुनाई गई है। जबकि सबूतों के अभाव में एक व्यक्ति को अदालत ने बरी कर दिया है। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सुनील कुमार गोयल ने नरेश विजय, परमजीत और धर्मेंद्र को धारा 341 और 304 आईपीसी (गैर इरादतन हत्या की सजा) के तहत दोषी ठहराया है। वहीं कोर्ट ने एक अन्य आरोपी नवल को बरी कर दिया है। 2018 में रकबर खान को भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार डाला गया था, जिसमें कथित तौर पर कई गौरक्षक शामिल थे, उन्होने यह हत्या इस शक के आधार पर की थी कि रकबर मवेशियों की तस्करी कर रहा था। असलम और रकबर गायों के साथ भरतपुर जिले में अपने गांव जा रहे थे। इस ही दौरान भीड़ ने कथित तौर पर रकबर की हत्या कर दी थी। हालांकि असलम किसी तरह जान बचाकर भाग निकला था। पुलिस की गाड़ी के अंदर बैठे रकबर खान की एक तस्वीर ने हमले में पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए थे। तस्वीर नवल बरी कर दिए गए आरोपी नवल किशोर द्वारा सोशल मीडिया पर डाली गयी थी। जिसने हमले के बारे में पुलिस को फोन किया था। नवल किशोर ने कहा था कि पुलिस स्टेशन ले जाने से पहले वह रकबर ठीक था।