Saturday, July 27, 2024
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उत्तराखंड: मौसम में बदलाव के चलते संक्रामक रोग की चपेट में आ रहे लोग! मरीजों से पटे अस्पताल

उत्तराखंड में मानसून सीजन के बाद बड़ी संख्या में मरीज संक्रामक रोगों की चपेट में आ रहे हैं। जिससे अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। हॉस्पिटल में मरीज उल्टी-दस्त सर्दी-खांसी व जुकाम और बुखार की समस्या लेकर आ रहे हैं।

प्रदेश में बरसात के बाद हल्द्वानी में जल जनित रोगों में एकाएक बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। जहां डेंगू ने अपने पैर पसार लिए हैं तो वहीं अन्य संक्रामक बीमारियां भी तेजी से फैल रही है। सुशीला अस्पताल के साथ-साथ हल्द्वानी के बेस हॉस्पिटल में मरीजों का तांता लगा हुआ है। बेस हॉस्पिटल की ओपीडी में रोजाना 1000 से ज्यादा मरीज आ रहे हैं जिसमें ज्यादातर लोग बुखार से पीड़ित हैं और वर्तमान में बेस अस्पताल में डेंगू के 21 मरीज भर्ती हैं, जिनका उपचार चल रहा है। बेस अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सविता ह्यांकी का कहना है कि रोजाना 1000 से अधिक मरीजों को डॉक्टर देख रहे हैं। साथ ही मेडिसिन में भी काफी भीड़ है। इसके अलावा जल जनित रोगों से डेंगू में भी इजाफा हो रहा है। इसके अलावा डॉक्टरों को पर्याप्त मात्रा में स्वास्थ्य सुविधाएं दिए जाने के साथ ही मरीजों के इलाज में किसी प्रकार की कोई कोताही ना बरतने के निर्देश दिए गए हैं। खासकर डेंगू के लिए जन जागरूकता अभियान के साथ-साथ प्लेटलेट्स की कमी ना हो। इसके लिए ब्लड बैंक सहित अन्य माध्यमों से भी निरंतर संपर्क बनाकर मरीजों का बेहतर उपचार किया जा रहा है। बच्चों में भी अब डेंगू की समस्या ज्यादा आ रही है, जिसको देखते हुए एसटीएच प्रबंधन ने तैयारी की है। बाल रोग वार्ड में 10 बी वार्ड में 15 डेंगू मरीजों के लिए रिजर्व किए हैं। हल्द्वानी के बेस और सुशीला तिवारी अस्पताल में पिछले 40 दिनों के भीतर में करीब 150 डेंगू के मरीज सामने आ चुके हैं। उत्तराखंड में डेंगू तेजी से पैर पसार रहा है। वहीं मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के बेस अस्पताल में 50 से अधिक मरीज डेंगू के भर्ती है। जिनका आंकड़ा दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। हर दिन 10 से 15 मरीज स्क्रब टाइफस के मरीज अस्पताल में पहुंच रहे हैं। इनमें तेज बुखार उल्टी और लो बीपी की दिक्कत देखने को मिल रही है। इसके अधिकांश मरीज गांव में खेतीबाड़ी करने वाले लोग हैं। डॉक्टरों ने लोगों को तेज बुखार और उल्टी, सिर दर्द की दिक्क्त होने पर विशेषज्ञों डॉक्टरों को दिखाने की अपील की है।

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