हल्द्वानी। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में आयोजित होने वाले इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 2022 में आर्टिजंस टेक्नोलॉजी विलेज कार्यक्रम में हल्द्वानी निवासी जीवन चंद्र जोशी व रानीखेत निवासी मंजू रौतेला शाह संस्कृतिकर्मी गौरीशंकर कांडपाल के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय मंच पर उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करेंगे।
बता दें की देशभर के हस्तशिल्प कला से जुड़े विभिन्न कलाकारों को एक मंच के अंतर्गत लाने एवं उनकी कला की प्रदर्शनी लगाने के उद्देश्य से इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है।
संस्कृतिकर्मी गौरीशंकर काण्डपाल ने बताया कि, इस वर्ष होने वाले आईआईएसएफ 2022 का आयोजन 21 जनवरी से 24 जनवरी तक भोपाल में किया जा रहा है। इस वर्ष का फेस्टिवल का विषय वोकल फॉर लोकल रखा गया है, जिसके अंतर्गत देशभर के हस्तशिल्प कला से जुड़े कलाकारों द्वारा अपने स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा।
उन्होंने बताया की जिसमें हल्द्वानी के कठघरिया निवासी जीवन चंद्र जोशी जो उत्तराखंड में पाए जाने वाले चीड़ के पेड़ की छाल बगेट पर सुंदर नक्काशी करते हैं।
वहीं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार से मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय कलाकार जीवन चंद्र जोशी के द्वारा अब तक बगेट की सहायता से पहाड़ी मकान, केदारनाथ मंदिर से लेकर धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों को अपनी हस्तशिल्प कला के माध्यम से उकेरने का प्रयास किया है। साथ ही आजादी की अमृत महोत्सव वर्ष में उनके द्वारा संदेशपरक बगेट पर नक्काशी की गई है। गांधी@150 वर्ष में गांधीजी का चरखा, पहाड़ी मकान, कुमाऊनी वाद्य यंत्र, योग की विभिन्न मुद्राएं तथा विभिन्न मूर्तियों को भी बनाने का प्रयास किया है। वह इस फेस्टिवल में उत्तराखंड राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे।
इसके साथ ही रानीखेत निवासी मंजू रौतेला शाह भी इस फेस्टिवल में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
उन्होने बताया की मंजू चीड़ के पेड़ की सूखी पत्तियां (पिरूल) की सहायता से बेहद सुंदर डिजाइन बनाती है। वही उनके सहयोग के लिए ऐपण कलाकार अंजलि भाकुनी भी इसमें शामिल होंगी।