
सोमवार रात उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड भंग करने और नई नजूल नीति को मंजूरी देने के साथ ही धामी मंत्रिमंडल की कैबिनेट मीटिंग संपन्न हुई। नजूल नीति में भूमि को फ्री होल्ड करने के लिए सर्किल रेट के आधार पर दरें निर्धारित कर दी गई है। इससे उत्तराखंड में नजूल भूमि पर रहने वाले हजारों परिवारों को मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ हो गया है। पूर्व में पैसा जमा करने वाले लोगों के लिए दोबारा धनराशि जमा करने की बाध्यता नहीं होगी।
चार धाम के तीर्थ पुरोहितों के विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व में देवस्थानम अधिनियम को वापस लेने की घोषणा की थी, जिसकी औपचारिकता सोमवार की सचिवालय में धामी मंत्रिमंडल की बैठक में इस अधिनियम को निरस्त करने के संबंध में आने वाले विधानसभा सत्र में विधेयक लाने की मंजूरी के साथ पूरी हो गई। अब चारों धाम में पूर्व की भांति ही व्यवस्था बहाल हो जाएगी देवस्थानम बोर्ड की घोषणा के कारण ही पूर्व में त्रिवेंद्र सिंह रावत को विरोध का सामना करना पड़ा था और सत्ता से हाथ धोना पड़ा था। तीर्थ पुरोहितों द्वारा उन्हें केदारनाथ धाम के दर्शन नहीं करने दिए गए थे।