नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2000 रुपए के नोटों को बंद करने के मामले में सियासत लगातार गरमाती जा रही है। विपक्षी पार्टियां इसे केन्द्र सरकार की विफलता बता रहे हैं। इसी क्रम में एआईएमआईए प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर सवाल खड़े किए। आरबीआई ने अधिसूचित किया कि बैंक 30 सितंबर तक 2,000 रुपये के नोटों को बदल देंगे। आरबीआई के कदम को लेकर विपक्ष ने केंद्र पर निशाना साधा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने जहां 2,000 रुपये के नोट को 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों को बंद करने के ‘मूर्खतापूर्ण फैसले’ को छिपाने के लिए ‘बैंड-ऐड’ बताया। वहीं ममता बनर्जी ने इसे भारतीय से अरब डॉलर का धोखा करार दिया। ओवैसी ने भी शनिवार को आरबीआई के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पांच सवाल किए। उन्होंने पीएमओ को टैग करते हुए एक ट्वीट किया। उन्होंन लिखा- शीर्ष अर्थशास्त्री पीएम मोदी से पांच सवाल:- आपने 2000 का नोट सबसे पहले क्यों पेश किया? क्या हम उम्मीद कर सकते हैं कि 500 के नोट जल्द ही वापस ले लिए जाएंगे? 70 करोड़ भारतीयों के पास स्मार्टफोन नहीं है। वे डिजिटल भुगतान कैसे करते हैं? डेमो 1.0 और 2.0 करने में बिल गेट्स के स्वामित्व वाले बेटर दैन कैश एलायंस की क्या भूमिका है? क्या एनपीसीआई को चीनी हैकर्स द्वारा हैक किया जा रहा है? यदि हां, तो युद्ध होने पर भुगतान का क्या होगा?